'हिंदुत्व के सेवक हम हैं, धर्म सभी से प्यारा है', युवा कवि डाल्टन की रचना
हिंदुत्व के सेवक हम हैं, धर्म सभी से प्यारा है
हिन्दू धर्म के हम हैं बालक, हिंदुस्तान हमारा है।।
देशभक्ति और सनातन ह्रदय जान से मुझको प्यारे
एक तिरंगा एक केसरिया दो हैं ध्वज और हम रखवारे।।
एक जुट हो कर के बोलो हमको है बस एक ही काम
धर्महित में बोलेंगे हम जोर जोर से जय श्री राम।।
उस धरा पर जन्मे हैं हम राम भी थे जिस पर खेले
कुरुक्षेत्र में जाकर देखो लगे जहाँ थे खून के मेले।।
रामायण का युद्ध हो या फिर हो महाभारत की गाथा
द्रौपदी हों या हों मां सीता पूजी हैं हमने माता।।
अहंकार जिसमें हो प्यारे चूर चूर हो जाता है
100 भ्राता और फौ हो या फिर दसौ शीश कट जाता है।।
हिंदुत्व की बात यही कि शान ना ये घटने पाये
एक तिरंगा एक केसरिया ध्वज ना ये झुकने पाये।।
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