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भक्ति काव्य
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Mahishasura Mardini Stotra: बेहद चमत्कारी है महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत का पाठ, बनेंगे बिगड़े काम

Mahishasura Mardini Stotra: बेहद चमत्कारी है महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत का पाठ, बनेंगे बिगड़े काम अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुतेगिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृतेजय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १ ॥ सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरतेत्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरतेदनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुतेजय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि...
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संत तुकाराम की भक्ति रचना, 'भलो नंद जी को डिकरो', एक बार जरूर पढ़ें

संत तुकाराम की भक्ति रचना, 'भलो नंद जी को डिकरो', एक बार जरूर पढ़ें भलो नंद जी को डिकरो भलो नंद जी को डिकरो।  लाज राखी लीन हमारो॥  आगल आयो देव जी कान्हा।  मैं घर छोड़ी आयें न्हाना॥  उन सुं कलना न ब्हेतो भला।  खसम अहंकार दादुला॥  तुका प्रभु परबल हरी।  छपी आयें हूँ...
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Bhakti Kavya: श्रीभट्ट की बेहतरीन भक्ति रचना, 'राधा माधव अद्भुत जोरी'

Bhakti Kavya: श्रीभट्ट की बेहतरीन भक्ति रचना, 'राधा माधव अद्भुत जोरी' राधा माधव अद्भुत जोरी । राधा माधव अद्भुत जोरी ।सदा सनातन इक रस विहरत अविचल नवल किशोर किशोरी।नख सिख सब सुषमा रतनागर,भरत रसिक वर हृदय सरोरी।जै श्रीभट्ट कटक कर कुंडल गंडवलय मिली लसत किशोरी।। अन्य रचनाएं भी...
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Bhakti Kavya: 'रामलला के पूजन को अयोध्या अब तैयार हुई', पढ़ें अनुराग वत्स का लिखा भजन

Bhakti Kavya: 'रामलला के पूजन को अयोध्या अब तैयार हुई', पढ़ें अनुराग वत्स का लिखा भजन रामलला के पूजन को अयोध्या अब तैयार हुई रामलला के पूजन को अयोध्या अब तैयार हुईगली और गलियारों में राम की जय जय कार हुई प्रपंच कर रहे सरपंचों ने खेल बहुत ही खेला था रमित रघुनंदन रामचंद्र ने...
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Bhakti Kavya: कवि उत्कर्ष की रचना, 'कौन कहता है प्यार एक बार होता है', देखें वीडियो

Bhakti Kavya: कवि उत्कर्ष की रचना, 'कौन कहता है प्यार एक बार होता है', देखें वीडियो कौन कहता है प्यार एक बार होता है कौन कहता है प्यार एक बार होता है...मैं तो खाटू जाउं जब भी जाऊं मुझे तो हर बार होता है।। हर ग्यारस पर बाबा के दर्शन करके मुझे बाबा से प्यार...
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Bhakti Kavya: 'मेरे सिर पर भी रख दो अपना हाथ कान्हा', पढ़ें युवा कवि सूरज की कविता

Bhakti Kavya: 'मेरे सिर पर भी रख दो अपना हाथ कान्हा', पढ़ें युवा कवि सूरज की कविता युवा कवि सूरज की कविता- मैं जानता हूँ तुम हो मेरे साथ कान्हा इस बार तो सुन लो मेरी बात कान्हामैं जानता हूँ तुम हो मेरे साथ कान्हा मेरी भक्ति भावना को समझोना तुममेरे सिर पर भी रख...
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'हिंदुत्व के सेवक हम हैं, धर्म सभी से प्यारा है', युवा कवि डाल्टन की रचना

'हिंदुत्व के सेवक हम हैं, धर्म सभी से प्यारा है', युवा कवि डाल्टन की रचना हिंदुत्व के सेवक हम हैं, धर्म सभी से प्यारा हैहिन्दू धर्म के हम हैं बालक, हिंदुस्तान हमारा है।। देशभक्ति और सनातन ह्रदय जान से मुझको प्यारे एक तिरंगा एक केसरिया दो हैं ध्वज और हम रखवारे।। एक जुट हो...
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युवा कवि चिराग जैन की रचना, 'सुख हो चाहे दुख हो, यही नाम लेते है'

युवा कवि चिराग जैन की रचना,  'सुख हो चाहे दुख हो, यही नाम लेते है' सुख हो चाहे दुख हो, यही नाम लेते है सच्चे हिन्दू इनको अपनी जान कहते हैं भारत में रहने वाला तुमसे यही कहेगा मन में भोले बाबा और दिल में श्री राम रहते हैं note- ये पंक्ति इन्होंने अयोध्या के...
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कुंभनदास की रचना: देखिहौं इन नैननि, सुंदर स्याम मनोहर मूरति....

कुंभनदास की रचना: देखिहौं इन नैननि, सुंदर स्याम मनोहर मूरति.... कुंभनदास की रचना............. देखिहौं, इन नैननि। सुंदर स्याम मनोहर मूरति, अंग-अंग सुख-दैननि॥  बृन्दावन-बिहार दिन-दिनप्रति गोप-बृन्द सँग लैननि। हँसि- हँसि हरष पतौवनि' पावन बाँटि-बाँट पय-फैननि॥  ‘कुंभनदास', किते दिन बीते, किये रेनु सुख-सैननि। अब गिरधर बिनु निसि अरु बासर, मन न रहतु...
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Bhakti Kavya: 'हे री मैं तो प्रेम दिवानी', मीराबाई की रचना आप भी पढ़ें

Bhakti Kavya: 'हे री मैं तो प्रेम दिवानी', मीराबाई की रचना आप भी पढ़ें हे री मैं तो प्रेम दिवानी, मेरा दरद न जाने कोय। सूली ऊपर सेज हमारी, किस बिध सोना होय।  गगन मंडल पर सेज पिया की, किस बिध मिलना होय॥     घायल की गति घायल जानै, कि जिन लागी होय।  जौहरी की...
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Bhakti Kavya: तुलसी की विनयपत्रिका से लिया गया पद, आप भी जरूर पढ़ें

Bhakti Kavya: तुलसी की विनयपत्रिका से लिया गया पद, आप भी जरूर पढ़ें देव-दीनको दयालु, दानि दूसरो न कोऊ।जाहि दीनता कहैां हौं देखौं दीन सोऊ।। सुर, नर, मुनि, असुर, नाग, साहिब तौ घनेरे।पै तौ लौं जौ लौं रावरे न नेकु नयन फेरे।। त्रिभुवन, तिहुँ काल बिदित, बेद बदति चारी।आदि-अंत-मध्य राम!...
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वृंदावन धाम के लिए कही गई 'अलबेलीअलि' की रचना, आप भी पढ़ें

वृंदावन धाम के लिए कही गई  'अलबेलीअलि' की रचना, आप भी पढ़ें लीनों वृंदावन बसि लाह्यो।  सेवा-टहल महल की निसि-दिन, यह जिय नेम निबाह्यो।  अद्भुत प्रेमबिहार चारु रस, रसिकनि बिनु किनु चाह्यो।  ‘अलबेली' अलि सफल कियो सब, जिन यह रस अवगाह्यो॥ 
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