युवा कवि चिराग जैन की रचना, 'सुख हो चाहे दुख हो, यही नाम लेते है'
सुख हो चाहे दुख हो, यही नाम लेते है
सच्चे हिन्दू इनको अपनी जान कहते हैं
भारत में रहने वाला तुमसे यही कहेगा
मन में भोले बाबा और दिल में श्री राम रहते हैं
note- ये पंक्ति इन्होंने अयोध्या के मंदिर बनने से पहले लिखी थी....
मैं था वही पर जहां ये मुकदमा चला था
मै कब से राह देख लाइन में खड़ा था
मैं था वही पर जहां ये मुकदमा चला था...
सुना था आज देखा भी कि मतलब की है ये दुनिया
वोट के खातिर इंसान राम नाम लेने जो लगा था...
शीशे की थी दुनिया अब हरजाई हो गयी
कभी लगती थीं अपनी सी अब परायी हो गयी...
मेरा मंदिर बने न बने इस बात का गम नहीं
मेरी पावन जन्म भूमि ईन पापियों के नाम हो गई।
जैसे राम राम पुकारो तो हनुमान चले आयेंगे
दिल में रख श्रद्धा सब मुकाम चले आयेंगे
आसमान को छूने के इंतजाम चले जाएंगे
रिश्ते बनाओ किसी से तो ऐसे बनाओ प्यारे
जैसे राम राम पुकारो तो हनुमान चले आयेंगे
About The Author
मेरा सनातन फाउंडेशन एक गैर लाभकारी संगठन है। यहां हम सनातन धर्म से जुड़े विषय वेदों, उपनिषदों, पुराणों, धर्मशास्त्रों, धर्म, अध्यात्म, ज्योतिष के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे। इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य स्थानीय व लोक कलाकारों के साथ युवाओं की प्रतिभाओं को एक मंच देना है साथ ही लोगों को सनातन धर्म के प्रति जागरूक करना है। इसके लिए मेरा सनातन ने आने वाले भक्ति काव्य पर लिखने बोलने वाले युवा कवियों के लिए 'सनातन यात्रा' की शुरुआत की है। इसमें कलाकारों और कवियों द्वारा बोली गई रचनाओं (काव्य, गद्य अन्य रचना) को वीडियो के साथ पेश किया जाता है। अगर आप भी सनातन धर्म से जुड़ा कुछ लिखते या कुछ बोलना चाहते हैं तो हमारे मंच पर आपका स्वागत है।