Jagannath Rath Yatra 2024: जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू, मौसी के घर रुकेंगे भगवान, देखें वीडियो

Jagannath Rath Yatra 2024: जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू, मौसी के घर रुकेंगे भगवान, देखें वीडियो

मेरा सनातन डेस्क। Jagannath Rath Yatra 2024ओडिशा के पुरी धाम में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का उत्सव आज से (7 जुलाई) शुरू हो गया है। दुनियाभर से यहां श्रद्धालु भगवान की यात्रा में शामिल होने पहुंचे हैं। रथ में भगवान जगन्‍नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा सवार हैं। खास बात यह है कि 53 साल बाद भगवान जगन्नाथ यात्रा दो दिनों के लिए हो रही है।

मान्यता के अनुसार स्नान पूर्णिमा पर स्नान के बाद भगवान बीमार हो जाते हैं। इस वर्ष भी भगवान स्नान पूर्णिमा के बाद स्वस्थ हो गए हैं। रथयात्रा शुरू होने से पहले की रस्में रविवार को ही हुईं।  

भगवान कृष्ण के अवतार हैं, भगवान जगन्नाथ


शंख की गूंजती ध्वनि ढोल और घंटियों के समकालिक संगीत भक्तों का भावविभोर कर देती हैं। साथ ही मंत्रोच्चार की तेज आवाजों के साथ भगवान को मंदिर से बाहर लाया जाता है। भगवान कृष्ण के अवतार हैं, भगवान जगन्नाथ, उड़ीसा के भुवनेश्वर में बंगाल की खाड़ी के किनारे स्थित मंदिर शहर पुरी में रहते हैं। 

एक लोकप्रिय किंवदंती के अनुसार, भगवान जगन्नाथ (Jagannath Rath Yatra) अपने भाई भगवान बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर उन्हें मथुरा दिखाने के लिए साल में एक बार अपने जन्मस्थान मथुरा जाने की इच्छा रखते थे। इसलिय यह रथ यात्रा निकाली जाती है। 

बीमार पड़ जाते हैं भगवान 

पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान जगन्‍नाथ अपनी मौसी के घर पर भाई-बहन के साथ पहुंचते हैं तो वहां खूब पकवान खाते हैं और फिर वह बीमार पड़ जाते हैं। उसके बाद उनका इलाज किया जाता है। फिर जब भगवान स्वस्थ हो जाते हैं, इसके बाद वे भक्‍तों को दर्शन देते हैं। साथ ही यात्रा के 11 वें दिन वापस जगन्‍नाथ मंदिर लौटते हैं।

यहां जगन्नाथ रथ यात्रा 2024 के बारे में मुख्य विवरण दिया गया है....


- दिनांक: जगन्नाथ रथ यात्रा शुरुआत रविवार, 7 जुलाई समापन 16 जुलाई को होगा
- स्थान: पुरी में जगन्नाथ मंदिर से लेकर मथुरा में गुंडिचा मंदिर तक
- दूरी: 3 किलोमीटर (1.9 मील)
- किसकी होगी पूजा: भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा
- रथ:  लाल और पीले, नीले और लाल, और काले और लाल कपड़ों से सजाए गए
- पहिए: 16 पहिए (भगवान जगन्नाथ), 14 पहिए (भगवान बलभद्र), और 12 पहिए (देवी सुभद्रा)
- ऊंचाई: 44 फीट (भगवान जगन्नाथ), 43 फीट (भगवान बलभद्र), और 42 फीट (देवी सुभद्रा)
- महत्व: गुंडिचा मंदिर में भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों की मौसी के घर की वार्षिक यात्रा
- उत्सव: रथों को खींचना, भव्य यात्रा, पारंपरिक अनुष्ठान और भक्ति संगीत और नृत्य
- क्षेत्रीय (धार्मिक) नाम: रथों का त्योहार, पुरी रथ यात्रा, रथ यात्रा, रथजात्रा, रथ महोत्सव

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