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bhagavad gita
धर्म संस्कृति 

भगवद्गीता डोज 4: अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि। युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथः

भगवद्गीता डोज 4: अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि। युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथः अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि। युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथः ।।    भावार्थ इस सेना में भीम तथा अर्जुन के समान युद्ध करने वाले अनेक वीर धनुर्धर हैं- यथा महारथी युयुधान, विराट तथा द्रुपद । तात्पर्य  यद्यपि युद्धकला में द्रोणाचार्य की महान...
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आज का गीता ज्ञान: पश्यैतां पाण्डुपुत्राणाम् आचार्य महतीं चमूम्

आज का गीता ज्ञान: पश्यैतां पाण्डुपुत्राणाम् आचार्य महतीं चमूम् पश्यैतां पाण्डुपुत्राणाम् आचार्य महतीं चमूम् ।व्यूढां द्रुपदपुत्रेण तव शिष्येण धीमता ॥ भावार्थ हे आचार्य! पाण्डुपुत्रों की विशाल सेना को देखें, जिसे आपके बुद्धिमान् शिष्य द्रुपद के पुत्र ने इतने कौशल से व्यवस्थित किया है। तात्पर्य महाभारत की युद्ध भूमि...
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